Surat Ar-Rahmaan (The Beneficent) - الرحمن
Home > > >
55:72 حُورٌ مَّقْصُورَٰتٌ فِى ٱلْخِيَامِ ﴿٧٢﴾ فَبِأَىِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ﴿٧٣﴾ لَمْ يَطْمِثْهُنَّ إِنسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَآنٌّ﴿٧٤﴾ वह हूरें हैं जो ख़ेमों में छुपी बैठी हैं फिर तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमत से इन्कार करोगे उनसे पहले उनको किसी इन्सान ने उनको छुआ तक नहीं और न जिन ने | ||