Surat Al-Waaqia (The Inevitable) - الواقعة
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56:15 عَلَىٰ سُرُرٍ مَّوْضُونَةٍ ﴿١٥﴾ مُّتَّكِـِٔينَ عَلَيْهَا مُتَقَٰبِلِينَ﴿١٦﴾ يَطُوفُ عَلَيْهِمْ وِلْدَٰنٌ مُّخَلَّدُونَ﴿١٧﴾ بِأَكْوَابٍ وَأَبَارِيقَ وَكَأْسٍ مِّن مَّعِينٍ﴿١٨﴾ لَّا يُصَدَّعُونَ عَنْهَا وَلَا يُنزِفُونَ﴿١٩﴾ وَفَٰكِهَةٍ مِّمَّا يَتَخَيَّرُونَ﴿٢٠﴾ وَلَحْمِ طَيْرٍ مِّمَّا يَشْتَهُونَ﴿٢١﴾ وَحُورٌ عِينٌ﴿٢٢﴾ كَأَمْثَٰلِ ٱللُّؤْلُؤِ ٱلْمَكْنُونِ﴿٢٣﴾ جَزَآءًۢ بِمَا كَانُوا۟ يَعْمَلُونَ﴿٢٤﴾ और याक़ूत से जड़े हुए सोने के तारों से बने हुए तख्ते पर एक दूसरे के सामने तकिए लगाए (बैठे) होंगे नौजवान लड़के जो (बेहिश्त में) हमेशा (लड़के ही बने) रहेंगे (शरबत वग़ैरह के) सागर और चमकदार टोंटीदार कंटर और शफ्फ़ाफ़ शराब के जाम लिए हुए उनके पास चक्कर लगाते होंगे जिसके (पीने) से न तो उनको (ख़ुमार से) दर्दसर होगा और न वह बदहवास मदहोश होंगे और जिस क़िस्म के मेवे पसन्द करें और जिस क़िस्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है) और बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूरें जैसे एहतेयात से रखे हुए मोती ये बदला है उनके (नेक) आमाल का | ||