Surat Al-Mursalaat (The Emissaries) - المرسلات
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77:30 ٱنطَلِقُوٓا۟ إِلَىٰ ظِلٍّ ذِى ثَلَٰثِ شُعَبٍ ﴿٣٠﴾ لَّا ظَلِيلٍ وَلَا يُغْنِى مِنَ ٱللَّهَبِ﴿٣١﴾ إِنَّهَا تَرْمِى بِشَرَرٍ كَٱلْقَصْرِ﴿٣٢﴾ كَأَنَّهُۥ جِمَٰلَتٌ صُفْرٌ﴿٣٣﴾ (धुएँ के) साये की तरफ़ चलो जिसके तीन हिस्से हैं जिसमें न ठन्डक है और न जहन्नुम की लपक से बचाएगा उससे इतने बड़े बड़े अंगारे बरसते होंगे जैसे महल गोया ज़र्द रंग के ऊँट हैं | ||