Surat Abasa (He frowned) - عبس
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80:33 فَإِذَا جَآءَتِ ٱلصَّآخَّةُ ﴿٣٣﴾ يَوْمَ يَفِرُّ ٱلْمَرْءُ مِنْ أَخِيهِ﴿٣٤﴾ وَأُمِّهِۦ وَأَبِيهِ﴿٣٥﴾ وَصَٰحِبَتِهِۦ وَبَنِيهِ﴿٣٦﴾ لِكُلِّ ٱمْرِئٍ مِّنْهُمْ يَوْمَئِذٍ شَأْنٌ يُغْنِيهِ﴿٣٧﴾ وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ مُّسْفِرَةٌ﴿٣٨﴾ ضَاحِكَةٌ مُّسْتَبْشِرَةٌ﴿٣٩﴾ وَوُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ عَلَيْهَا غَبَرَةٌ﴿٤٠﴾ تَرْهَقُهَا قَتَرَةٌ﴿٤١﴾ أُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلْكَفَرَةُ ٱلْفَجَرَةُ﴿٤٢﴾ तो जब कानों के परदे फाड़ने वाली (क़यामत) आ मौजूद होगी उस दिन आदमी अपने भाई और अपनी माँ और अपने बाप और अपने लड़के बालों से भागेगा उस दिन हर शख़्श (अपनी नजात की) ऐसी फ़िक्र में होगा जो उसके (मशग़ूल होने के) लिए काफ़ी हों बहुत से चेहरे तो उस दिन चमकते होंगे ख़न्दाँ शांदाँ (यही नेको कार हैं) और बहुत से चेहरे ऐसे होंगे जिन पर गर्द पड़ी होगी उस पर सियाही छाई हुई होगी यही कुफ्फ़ार बदकार हैं | ||